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प्रo1 – निम्नलिखित में से कौन-से पदार्थ हैं ?
कुर्सी, वायु, स्नेह, गंध, घृणा, बादाम, विचार, शीत, नींबू पानी, इत्र की सुगंध l
उत्तर - कुर्सी, वायु, बादाम और नींबू पानी पदार्थ के उदहारण है, क्योंकि इनका कुछ द्रव्यमान होता है और ये स्थान भी घेरते ह l
प्रo2 – निम्नलिखित प्रेक्षण के कारण बताये गर्मा-गरम खाने की गंध कई मीटर दूर से ही आपके पास पहुँच जाती है लेकिन ठंडे खाने की महक लेने के लिए आपको उसके पास जाना पड़ता है l
उत्तर – क्योंकि गर्म खाने का तापमान अधिक होने के कारण खाने से निकलने वाली गैस के कणों की गति बढ़ जाती है, जिससे उसकी गतिज उर्जा भी बढ़ जाती है तथा ठंडे खाने की महक की तुलना में विसरण तेजी से होता है l
प्रo3 – स्विमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है l इससे पदार्थ का कौन-सा गुण प्रेक्षित होता है ?
उत्तर - स्विमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है l इससे पदार्थ के निम्न गुण प्रेक्षित होते हैं :-
(i) पानी के कणों के बीच की दूरी अधिक होती है l
(ii) पानी के कणों के बीच आकर्षण बल कम होता है l
प्रo4 – पदार्थ की कणों की क्या विशेषताएँ होती हैं ?
उत्तर – पदार्थ के कणों की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं :-
(i) पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है l
(ii) पदार्थ के कण एक दूसरे को आकर्षित करते हैं l
(iii) पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं l
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प्रo1 – किसी तत्व के प्रति इकाई आयतन के द्रव्यमान को घनत्व कहते है l (घनत्व = द्रव्यमान / आयतन) बढ़ते हुए घनत्व के क्रम में निम्नलिखित को व्यवस्थित करें l वायु, चिमनी का धुआँ, शहद, जल, चाक, रुई और लोहा l
उत्तर – घनत्व बढ़ते हुए क्रम में
वायु < चिमनी का धुआँ < रुई < जल < शहद < चाक < लोहा l
प्रo2 – (a) पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं के गुणों में होने वाले अंतर को सारणीबद्ध कीजिए l
(b) निम्नलिखित पर टिप्पणी कीजिए दृढ़ता, संपीडीयता, तरलता, बर्तन में गैस का भरना, आकार , गतिज उर्जा एवं घनत्व l
उत्तर – (a)
गुण
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ठोस
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द्रव
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गैस
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1. आकार
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इनका आकर निश्चित एवं सीमाएँ स्पष्ट होती हैं
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कोई निश्चित आकर नहीं होता, जिस बर्तन में रखे जाते है उन्ही का आकर ले लेते हैं
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कोई निश्चित आकर नहीं
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2. आयतन
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निश्चित आयतन
|
निश्चित आयतन
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निश्चित आयतन नहीं होता, जिस बर्तन में रखे जाते है उन्ही का आकर ले लेते हैं
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3. दृढ़ता
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ये दृढ होते हैं
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ये दृढ नहीं होते, इनमे बहाव होता है
|
ये दृढ नहीं होते, इनमे बहाव होता है
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4. कणों की स्थिति
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कण बहुत पास-पास होते हैं
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कणों के बीच थोड़ी खाली जगह होती है
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कणों के बीच बहुत अधिक खाली जगह होती है
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5. संपीडयता
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असंपीडित होते हैं
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कम संपीडन होता है
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अधिक संपीडन होता है
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6. कणों के बीच
आकर्षण बल
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आकर्षण बल सबसे अधिक होता है
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आकर्षण बल ठोस से कम लेकिन गैस से अधिक होता है
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आकर्षण बल सबसे कम होता है
|
उत्तर - (b)
(i) दृढ़ता – पदार्थ का वह गुण जो उसे बाहरी बल के विरुद्ध अपने आकर को बनाए रखने की कोशिश करता है दृढ़ता कहलाता है l ठोस पदार्थ दृढ होते हैं, क्योंकि इनके कणों के बीच आकर्षण बल अधिक होता है l
(ii) संपीडीयता – पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है l बाहरी बल के कारण ये कण समीप आ जाते हैं , पदार्थ के इसी गुण को संपीडीयता कहा जाता है l गैस और द्रव का संपीडन होता है l
(iii) तरलता – पदार्थ के बहने की प्रवर्ति को तरलता कहते हैं I द्रव तथा गैस में बहाव होता है, गैसों में तरलता अधिक होती है I
(iv) बर्तन में गैस का भरना – जब गैस को बर्तन में डाला जाता है तो गैस के कण सभी दिशाओं में तीव्र गति से चलते हैं तथा बर्तन में पूरी तरह फ़ैल जाते हैं, और बर्तन को पूरी तरह भर देते हैं l
(v) आकार – ठोस पदार्थो में आकर्षण बल अधिक होता है, जबकि द्रव और गैस में आकर्षण बल कम होता है, इसलिए ठोस पदार्थो का आकर निश्चित व द्रव और गैस का आकार अनिश्चित होता है l
(vi) गतिज उर्जा – पदार्थ के कणों की गति के कारण उनमे उर्जा का आना गतिज ऊर्जा कहलाती है, गैस के कणों में सबसे अधिक गतिज उर्जा होती है व द्रव और ठोस के कणों में कम गतिज उर्जा होती है l
(vii) घनत्व – पदार्थ का घनत्व प्रति इकाई आयतन के द्रव्यमान के बराबर होता है l
घनत्व = द्रव्यमान / आयतन
गैस > द्रव > ठोस ( घनत्व बढ़ते हुए क्रम में )
प्रo3 – कारण बताएँ
(a) गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है, जिसमें इस रखते हैं l
(b) गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है l
(c) लकड़ी की मेज ठोस कहलाती है l
(d) हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते हैं, लेकिन एक ठोस लकड़ी के टुकड़े में हाथ चलने के लिए हमें कराटे में दक्ष होने पड़ेगा l
उत्तर –
(a) गैसों के कणों की गतिज उर्जा अधिक तथा इनके बीच आकर्षण बल नगण्य होने के कारण ये कण सभी दिशाओं में तेजी से गति करते है और गैस को जिस बर्तन में रखा जाता है उसे पूरी तरह भर देते हैंl
(b) गैस अवस्था में कणों की गति सभी दिशाओं में और तीव्र होती है, इस कारण गैस के कण बर्तन की दीवारों से टकराते हैं l कणों के टकराव के कारण बर्तन की दीवार पर कणों द्वारा प्रति इकाई क्षेत्र पर लगे बल के कारण गैस का दबाव बनता है l
(c) लकड़ी की मेज ठोस कहलाती है क्योंकि यह एक दृढ वस्तु है, जिसका आकर एवं आयतन निश्चित है, इनके कणों का संपीडन नहीं होता, ये सभी गुण दर्शाते है कि लकड़ी की मेज एक ठोस पदार्थ है l
(d) हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते है, क्योंकि हवा के कणों के बीच अधिक रिक्त स्थान होता है इसके विपरीत ठोस लकड़ी के टुकड़े के कण बिल्कुल पास-पास होते है जो एक दृढ संरचना बनाते है, जिसे तोड़ने के लिए अधिक बल लगाना पड़ता है, जैसे कि कराटे में दक्ष लोग करते हैं l
प्रo4 – सामान्यतया ठोस पदार्थोँ की अपेक्षा द्रव्यों का घनत्व कम होता है l लेकिन आपने बर्फ के दुकड़े को जल में तैरते हुए देखा होगा l पता लगाइए, ऐसा क्यों होता है ?
उत्तर – बर्फ पानी के जमने से बनती है, जिसकी संरचना में अधिक रिक्त स्थान रह जाते है जो पानी में नहीं होते l इन रिक्त स्थानों के कारण बर्फ का घनत्व जल से कम हो जाता है , इसी कारण बर्फ के टुकड़े जल पर तैरने लगते है l
प्रष्ठ संख्या – 9
प्रo1 – निम्नलिखित तापमान को सेल्सियस में बदलें l
(a) 300 K
(b) 573 K
उत्तर –
(a) फार्मुला, K = C + 273
तापमान सेल्सियस में, C = K - 273
= 300 – 273 = 27*C
(b) तापमान सेल्सियस में, C = K - 273
= 573 – 273 = 300*C
प्रo2 – निम्नलिखित तापमान पर जल की भौतिक अवस्था क्या होगी ?
(a) 250*C
(b) 100*C
उत्तर –
(a) 250*C जल के क्व्थानांक 100*C से अधिक है, अथार्थ जल इस तापमान पर गैसीय अवस्थ (भाप) में होगा l
(b) 100*C पर जल द्रव और गैस दोनों अवस्थाओं में होगा, क्योंकि इस तापमान पर जल उबलने लगता है और वाष्पीकरण की गुप्त उष्मा लेकर भाप में बदलने लगता है l
प्रo3 – किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान तापमान स्थिर क्यों रहता हैं ?
उत्तर – पदार्थ अवस्था परिवर्तन के दौरान तापमान इसलिए स्थिर रहता है क्योंकि दी जाने वाली उष्मा उसके कणों के बीच आकर्षण बल तोड़ने के लिए उपयोग हो जाती है l इस प्रकार की ऊष्मा को गलनांक की गुप्त ऊष्मा तथा वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा कहा जाता है l
प्रo4 – वायुमंडलीय गैसों को द्रव में परिवर्तन के लिए कोई विधि सुझाइए l
उत्तर – दाब को बढाकर तथा तापमान को घटाकर वायुमंडलीय गैसों को द्रव में परिवर्तित किया जा सकता है l
विधि - एक सिलिंडर में गैस को भरकर इसमें लगे पिस्टन से संपीडित करने तथा ताप को कम करने पर पदार्थ के कणों की दूरी कम होगी और यह द्रव में बदल जायेगा l
पृष्ठ संख्या – 11
प्रo1 – गर्म, शुष्क दिन में कूलर अधिक ठंडा क्यों करता है ?
उत्तर – गर्म व शुष्क दिनों में तापमान अधिक और आद्रता कम होती है, जिसके कारण वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है l वाष्पीकरण के कारण कूलर के अंदर से ठंडी हवा कमरे में फैलकर ठंडक प्रदान करती है l
प्रo2 – गर्मियों में घड़े का जल ठंडा क्यों होता है ?
उत्तर – घड़े में बहुत अधिक संख्या में रोम छिद्र होते है, जिनसे पानी बाहर निकलता रहता है, बाहर निकले हुआ जल घड़े से ऊष्मा लेकर लगातार वाष्पीकृत होता रहता है, और घड़े से ऊष्मा के त्याग के कारण घड़े का जल ठण्डा हो जाता है l
प्रo3 – एसीटोन/पेट्रोल या इत्र डालने पर हमारी हथेली ठंडी क्यों हो जाती है ?
उत्तर - एसीटोन/पेट्रोल या इत्र डालने पर यह हमारी हथेली से उर्जा प्राप्त करके वाष्पीकृत होते हैं, हथेली से उर्जा कम होने के कारण हथेली ठंडी हो जाती है l
प्रo4 – कप की अपेक्षा प्लेट से हम गर्म दूध या चाय जल्दी क्यों पी लेते हैं ?
उत्तर – ऐसा इसलिए होता है क्योंकि, कप की अपेक्षा प्लेट का सतह का क्षेत्रफल अधिक होता है, जिसके कारण प्लेट से वाष्पीकरण अधिक मात्रा में होता है, अधिक वाष्पीकरण का कारण प्लेट में रखा चाय या दूध जल्दी ठंडा होता है, जिसे हम आसनी से पी लेते हैं l
प्रo5 – गर्मियों में हमें किस तरह के कपडे पहनने चाहिये ?
उत्तर – गर्मियों में हमे सूती कपडे पहनने चाहिये l सूती कपडे जल्दी हमारे शारीर से पसीने को अवशोषित करके बाहरी वातावरण के संपर्क में लाते है, जिससे पसीना हमारे शारीर से वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा लेकर वाष्पीकृत हो जाता है और हमारा शारीर ठंडक महसूस करता है l
पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न
प्रo1 – निम्नलिखित तापमानों को सेल्सियस इकाई में परिवर्तित करें :
(a) 293 K
(b) 470 K
उत्तर –
(a) फार्मूला, K = C + 273
तापमान सेल्सियस में, C = K - 273
= 300 – 293 = 20*C
(b) फार्मूला, K = C + 273
तापमान सेल्सियस में, C = K - 273
= 470 – 273 = 197*C
प्रo2 – निम्नलिखित तापमानों को केल्विन इकाई में परिवर्तित करें :
(a) 25*C
(b) 373*C
उत्तर –
(a) तापमान केल्विन में, K = C + 273
= 25 + 273 = 298 K
(b) तापमान केल्विन में, K = C + 273
= 373 + 273 = 646 K
प्रo3 – निम्नलिखित अवलोकनों हेतु कारण लिखें :
(a) नैफ्थलीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ कुछ भी ठोस पदार्थ छोड़े बिना अदृश्य हो जाती हैl
(b) हमें इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी हमारे पास पहुँच जाती है l
उत्तर –
(a) नैफ्थलीन ठोस पदार्थ है, यह द्रव अवस्था में आए बिना ही गैस में बदलकर हवा में उड़ जाता है, इस प्रक्रिया को उर्ध्वपातन कहते हैं l
(b) इत्र तेजी से वाष्प में परिवर्तित होकर कर वायु के कणों के साथ मिलकर सभी दिशाओं में तेजी से विसरित होता है, यही कारण है, कि इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी हमारे पास तक पहुँच जाती है l
प्रo4 – निम्नलिखित पदार्थों को उनके कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार व्यवस्थित करें : जल, चीनी, ऑक्सीजन
उत्तर – ऑक्सीजन < जल < चीनी (कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार)
प्रo5 – निम्नलिखित तापमानों पर जल की भौतिक अवस्था क्या है l
(a) 25*C
(b) 0*C
(c) 100*C
उत्तर –
(a) 25*C पर जल द्रव अवस्था में होता है l
(b) 0*C पर जल ठोस अवस्था (बर्फ) तथा द्रवीय अवस्था दोनों में हो सकता है, क्योंकि बर्फ का गलनांक तथा जल का हिमांक दोनों 0*C ही है l
(c) 100*C पर जल गैसीय अवस्था (भाप) तथा द्रवीय अवस्था दोनों में हो सकता है, क्योंकि जल का क्वथनांक है, जल इस तापमान पर जल वाष्प में भी परिवर्तित होता है l
प्रo6 – पुष्टि हेतु कारण दें :
(a) जल कमरे के ताप पर द्रव है l
(b) लोहे की अलमारी कमरे के ताप पर ठोस है l
उत्तर –
(a) कमरे के तापमान जल का आयतन निश्चित है, इसमें बहाव है, इसे जिस बर्तन में डाला जाता है यह उसी का आकार ले लेता है, ये सभी गुण दर्शाते है, कि जल इस तापमान पर द्रव है l
(b) लोहे की अलमारी कमरे के तापमान पर ठोस हैI क्योंकि इसका आकर और आयतन निश्चित है, यह दृढ है और बहता नहीं है l
प्रo7 – 273 K पर बर्फ को ठंडा करने पर तथा जल को इसी तापमान पर ठंडा करने पर शीतलता का प्रभाव अधिक क्यों होता है ?
उत्तर – 273 K पर बर्फ किसी पदार्थ या माध्यम से गुप्त ऊष्मा लेती है, जो पहले इसकी अवस्था में परिवर्तन लाता है, फिर इसके तापमान में वृद्धि करता है I परंतु इसी तापमान पर जल केवल ताप में वृद्धि के लिए ही ऊष्मा प्राप्त करता है I इसलिए बर्फ अधिक शीतलता प्रदान करती है क्योंकि जल किसी प्रकार की गुप्त उष्मा को अवशोषित नहीं करता l
प्रo8 – उबलते हुए जल अथवा भाप में से जलने की तीव्रता किस्मे अधिक महसूस होती है ?
उत्तर – भाप में जलने की तीव्रता अधिक महसूस होती है l क्योंकि उबलने के (373 K) तापमान पर भाप के कणों में उसी तापमान पर पानी के कणों की तुलना में वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा अधिक होती है l इसी अधिक ऊष्मा के कारण भाप में जलने की तीव्रता अधिक महसूस होती है l
प्रo9 – निम्नलिखित चित्र के लिए A, B, C, D, E तथा F की अवस्था परिवर्तन को नामांकित करें :
उत्तर –
A – संगलन
B – वाष्पीकरण
C – संघनन
D – जमना
E – ऊर्ध्वपातन
F – निक्षेपण