पाठ-2 अम्ल, क्षार और लवण NCERT

पाठ - 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण NCERT हल


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प्रशन 1 - आपको तीन परखनालियाँ दी गई हैं| इनमे से एक में आसवित जल एवं शेष दो में से एक में अम्लीय विलयन तथा दुसरे में क्षारीय विलयन है| यदि आपको केवल लाल लिटमस पात्र दिया जाता है तो आप प्रत्येक परखनली में रखे गए पदार्थों की पहचान कैसे करेंगे?
उत्तरयदि लाल लिटमस पत्र का रंग नहीं बदलता तो यह अम्ल है| यदि लाल लिटमस पत्र का रंग नील रंग में परिवर्तित हो जाता है तो यह क्षारक है| यदि लिटमस पत्र के रंग में हल्का परिवर्तन (हलके बैंगनी) होता है तो यह आसवित जल है|

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प्रशन 1 - पीतल एवं तांबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए?
उत्तर दही एवं खट्टे पदार्थों में अम्ल पाया जाता है| इस प्रकार जब इन पदार्थों को पीतल एवं तांबे के बर्तनों में रखा जाता है तो धातु अम्ल के साथ अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस और हानिकारक उत्पाद मुक्त करते हैं जिससे भोजन ख़राब हो जाता है|


प्रशन 2 - धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन सी गैस निकलती है? एक उदहारण के द्वारा समझाइए| इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?
उत्तर - 
धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः हाइड्रोजन गैस निकलती है|

एक परखनली में लगभग 5 ml तनु सल्फ्यूरिक अम्ल लीजिये एवं इसमें दानेदार जिंक के टुकड़े डालिए| उत्सर्जित गैस को साबुन के विलयन से प्रवाहित कीजिए| साबुन के विलयन में बुलबुले बनते हैं| इन बुलबुलों में हाइड्रोजन गैस व्याप्त है| 
H2SO4 + Zn → ZnSO4 + H2 


जलती हुई मोमबत्ती को गैस वाले बुलबुले के पास ले जाने पर फट-फट की ध्वनि के साथ हाइड्रोजन गैस का दहन होता है|

प्रशन 3 -  कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है| इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है| यदि उत्पन्न यौगिकों में एक से कैल्सियम क्लोराइड हैं, तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए|
उत्तर - 
CaCO3  + 2HCl    →     CaCl2  + CO2  + H2

कैल्सियम कार्बोनेट + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल   →   कैल्सियम क्लोराइड + कार्बन डाइऑक्साइड + जल

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प्रशन 1 -  HCl, HNO3 आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि एल्कोहोल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं?
उत्तर - 
जब HCl या HNO3 को जल में घोला जाता है तो यह जल में घुलकर हाइड्रोजन आयन उत्पन्न करते हैं, जो उनके अम्लीय गुण को प्रदर्शित करता है| उदाहरण के लिए निम्नलिखित अभिक्रिया को देखें:

HCl     →   H+ + Cl-
H+ + H2O   →   H3O+

जबकि एल्कोहोल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिक जल में घुलने पर हाइड्रोजन आयन उत्पन्न नहीं करते हैं, इस प्रकार यह अम्लीय गुण को प्रदर्शित नहीं करता|

प्रशन 2 - अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत् का चालन करता है?
उत्तर - अम्ल के जलीय विलयन में हाइड्रोजन ( H+) या हाइड्रोनियम आयन ( H3O+) की उपस्थिति के कारण विद्युत् का चालन होता है|

प्रशन 3 - शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को क्यों नहीं बदलती है?
उत्तर - शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को नहीं बदलती है क्योंकि इसमें हाइड्रोजन आयन अनुपस्थित रहता है|

प्रशन 4 -  अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए, न कि जल को अम्ल में?
उत्तर - जल में अम्ल के घुलने की प्रक्रिया अत्यंत ऊष्माक्षेपी होती है| अम्ल को सदैव धीरे-धीरे तथा जल को लगातार जल में हिलाते हुए जल में मिलाना चाहिए| सांद्र अम्ल में जल मिलाने पर उत्पन्न हुई ऊष्मा के कारण मिश्रण आस्फलित होकर बाहर आ सकता है तथा आप जल सकते हैं

प्रशन 5 -  अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन ( H3O+) की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?
उत्तर - जब अम्ल के विलयन को तनुकृत किया जाता है तब हाइड्रोनियम आयन ( H3O+) की सांद्रता में प्रति इकाई आयतन में कमी हो जाती है| इसका अर्थ है कि अम्ल की शक्ति घटती है|

प्रशन 6 -  जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH-) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है?
उत्तर - सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH-) की सांद्रता बढ़ जाएगी|



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प्रशन 1 -  आपके पास दो विलयन ‘A’ एवं ‘B’ हैं| विलयन ‘A’ के pH का मान 6 है एवं विलयन ‘B’ के pH का मान 8 है| किस विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता अधिक है? इनमे से कौन अम्लीय है तथा कौन क्षारकीय है?
उत्तर - 7 के कम pH का मान अम्लीय विलयन को दर्शाता है तथा 7 से अधिक pH का मान क्षारकीय विलयन को दर्शाता है| | विलयन ‘A’ के pH का मान 6 है इसलिए यह अम्लीय है और इसमें विलयन ‘B’ की अपेक्षा हाइड्रोजन आयन की सांद्रता अधिक है| विलयन ‘B’ के pH का मान 8 है इसलिए यह क्षारकीय है|

प्रशन 2 -  H+ (aq) आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर - जब H+ (aq) आयन की सांद्रता (>10-7) बढ़ाई जाती है तो विलयन अम्लीय हो जाता है, और जब H+ (aq) आयन की सांद्रता (<10-7) घटाई जाती है तो विलयन की प्रकृति क्षारकीय हो जाता है|

प्रशन 3 -  क्या क्षारकीय विलयन में H+(aq) आयन होते हैं? अगर हाँ, तो यह क्षारकीय क्यों होते हैं?
उत्तर - हाँ, क्षारकीय विलयन में H+(aq) आयन होते हैं| OH-  आयन के सांद्रता की तुलना में H+(aq) आयन की सांद्रता कम होती है जो विलयन को क्षारकीय बनाता है|

प्रशन 4 -  कोई किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम ऑक्साइड), बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चाक (कैल्सियम कार्बोनेट) का उपयोग करेगा?
उत्तर - यदि मृदा अम्लीय है और खेती के लिए अनुपयुक्त है तो किसान मृदा की क्षारकता बढ़ाने के लिए बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम ऑक्साइड), बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चाक (कैल्सियम कार्बोनेट) का उपयोग करेगा|



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प्रशन 1 -  CaOCl2 यौगिक का प्रचलित नाम क्या है?
उत्तर - ब्लीचिंग पाउडर

प्रशन 2  -  उस पदार्थ का नाम बताइए जो क्लोरीन से क्रिया करके विरंजक चूर्ण बनाता है|
उत्तर - कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड [Ca(OH)2]

प्रशन 3 -  कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है?
उत्तर - वाशिंग सोडा (Na2CO3.10H2O)

प्रशन 4 -  सोडियम हाइड्रोकार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर क्या होगा? इस अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए|
उत्तर - सोडियम हाइड्रोकार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट और जल के निर्माण के साथ कार्बन डाईऑक्साइड गैस उत्पन्न होता है|


प्रशन 5 -  प्लास्टर ऑफ़ पेरिस की जल के साथ अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए|
उत्तर









Exercise

प्रशन 1 - कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है, इसका pH संभवत: क्या होगा?
(a) 1


(b) 4
(c) 5
(d) 10
उत्तर(d) 10

प्रशन 2 -  कोई विलयन अंडे के पिसे कवच से अभिक्रिया कर एक गैस उत्पन्न करता है जो चूने के पानी को दुधिया कर देती है। इस विलयन में क्या होगा?
(a) NaCl
(b) HCl
(c) LiCl
(d) KCl
उत्तर - (b) HCl

प्रशन 3 - NaOH का 10 mL विलयन, HCl के 8 mL विलयन से पूर्णत: उदासीन हो जाता है। यदि हम NaOH के उसी विलयन 20 mL लें तो इसे उदासीन करने के लिए HCl के उसी विलयन की कितनी मात्रा की अवश्यकता होगी?
(a) 4 mL
(b) 8 mL
(c) 12 mL
(d) 16 mL
उत्तर - (d) 16 mL

प्रशन 4 - अपच का उपचार करने के लिए निम्न में से किस औषधि का उपयोग होता है?
(a) एंटीबायोटिक (प्रतिजैविक)
(b) ऐनालसेजिक (पीड़ाहरी)
(c) एंटैसिड
(d) एंटीसेप्टिक (प्रतिरोधी)
उत्तर - (c) एंटैसिट

प्रशन 5 -  निम्न अभिक्रिया के लिए पहले शब्द समीकरण लिखिए तथा उसके बाद संतुलित समीकरण लिखिए:
(a) तनु सल्फ्युरिक अम्ल दानेदार जिंक के साथ अभिक्रिया करता है।
उत्तर
सल्फ्युरिक अम्ल + जिंक ⇒ जिंक क्लोराइड + हाइड्रोजन
(b) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है।
उत्तर -
सल्फ्युरिक अम्ल + मैग्नीशियम → मैग्नीशियम क्लोराइड + हाइड्रोजन
(c) तनु सल्फ्युरिक अम्ल ऐल्मुनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
उत्तर -
सल्फ्युरिक अम्ल + एलुमिनियम → एलुमिनियम क्लोराइड + हाइड्रोजन
(d) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लौह के रेतन के साथ अभिक्रिया करता है।
सल्फ्युरिक अम्ल + आयरन → आयरन क्लोराइड + हाइड्रोजन

प्रशन 6 -  ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों में भी हाइड्रोजन होते हैं लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता है। एक क्रियाकलाप द्वारा इसे साबित कीजिए।
उत्तर - वैसा रासायनिक पदार्थ जो जल के विलयन में हाइड्रोजन आयन मुक्त करते हैं, का वर्गीकरण अम्ल के रूप में किया जाता है। चूँकि एल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जल के विलयन में हाइड्रोजन आयन मुक्त नहीं करते हैं, अत: इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता है। इसे निम्नलिखित क्रिया कलाप द्वारा साबित किया जा सकता है।
क्रियाकलाप:
आवश्यक सामग्री: दो परखनली, लाल तथा नीला लिटमस पेपर, ऐल्कोहॉल तथा ग्लूकोज
प्रक्रिया
दो साफ परखनली लेकर एक में एल्कोहॉल तथा दूसरे में ग्लूकोज का जलीय विलयन बना लिया जाता है, तथा लेबल लगा दिया जाता है।
दोनों विलयन में बारी बारी से नीला तथा लाल लिटमस पत्र डुबाया जाता है।
प्रेक्षण -
किसी भी परखनली का विलयन लिटमस पत्र के रंग को नहीं बदलता है।
निष्कर्ष -
चूँकि एल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जल के विलयन में हाइड्रोजन आयन मुक्त नहीं करते हैं, अत: दोनों में से कोई भी नीले लिटमस पत्र को लाल रंग में नहीं बदलता है।
अत: कोई भी विलयन अम्ल नहीं है।

प्रशन 7 -  आसवित जल विद्युत का चालक क्यों नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है?
उत्तर - जल में उपस्थित अशुद्धियों के आयन विद्युत का संवहन या चालन करते हैं।
चूँकि आसवित जल में कोई अशुद्धि नहीं रहती है, तदनुसार कोई आयन भी उपस्थित नहीं रहता है, अत: आसवित जल विद्युत का चालन नहीं होता है, अर्थात आसवित जल विद्युत का चालक नहीं होता है।
वहीं बर्षा के जल में कई अशुद्धियाँ रहती हैं, जिनके आयन भी जल में मुक्त अवस्था में रहते हैं, जो कि विद्युत का चालन करते हैं।
अत: आसवित जल विद्युत का चालक नहीं होता है जबकि बर्षा का जल विद्युत का चालक होता है।

प्रशन 8 -  जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार आम्लीय क्यों नहीं होता है?
उत्तर - अम्ल के विलयन में उपस्थित मुक्त अवस्था में हाइड्रोजन आयन ही अम्लीय व्यवहार के लिए उत्तरदायी होता है।
चूँकि जल की अनुपस्थिति में अम्ल में वर्तमान हाइड्रोजन, आयन के रूप में मुक्त अवस्था में नहीं रहता है, अत: जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार आम्लीय नहीं होता है।

प्रशन 9 -  पाँच विलयनों A, B, C, D, व E की जब सार्वत्रिक सूचक से जाँच की जाती है तो pH के मान क्रमश: 4, 1, 11, 7 एवं 9 प्राप्त होते हैं। कौन सा विलयन:
(a) उदासीन है?
(b) प्रबल क्षारीय है?
(c) प्रबल अम्लीय है?
(d) दुर्बल अम्लीय है?
(e) दुर्बल क्षारीय है?
pH के मानों को हाइड्रोजन आयन की सांद्रता के आरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर -  pH स्केल 1 से 14 के मान पर कार्य करता है। इसमें pH का मान 7 उदासीन विलयन को दर्शाता है। विलयन जिसके pH का मान 7 से कम होता है, वह अम्लीय तथा जिसके pH का मान 7 से अधिक होता है क्षारीय होता है।
अत: (a) विलयन (D) जिसके pH का मान 7 है उदासीन है।
(b) विलयन (C) जिसकेpH का मान 11 है, प्रबल क्षारीय है।
(c) विलयन (B) जिसके pH का मान 1 है, प्रबल अम्लीय है।
(d) विलयन (A) जिसकेpH का मान 4 है, दुर्बल अम्लीय है।
(e) विलयन (E) जिसके pH का मान 9 है, दुर्बल क्षारीय है।
दिये गये विलयनो की pH के मानो तथा हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता के आधार पर आरोही क्रम:
C < E < D < A < B

प्रशन 10 -  परखनली 'A' एवं 'B' में समान लम्बाई की मैग्निशियम की पट्टी लीजिए। परखनली 'A' में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) तथा परखनली 'B' में ऐसिटिक अम्ल (CH3COOH) डालिए। किस परखनली में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी तथा क्यों?
उत्तर - चूँकि परखनली (A) में रखा गया हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एक प्रबल अम्ल है जबकि परखनली (B) में रखा गया ऐसिटिक अम्ल एक दुर्बल अम्ल है और एक प्रबल अम्ल ज्यादा प्रबल रूप से अभिक्रिया करता है।
अत: परखनली (A) में परखनली (B) की अपेक्षा अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी।

प्रशन 11 -  ताजे दूध के pH का मान 6 होता है। दही बन जाने पर इसके pH के मान में क्या परिवर्तन होगा? अपना उत्तर समझाइए।
उत्तर - दूध तथा दही दोनों में लैक्टिक अम्ल पाया जाता है। परंतु दही में लैक्टिक अम्ल की सांद्रता अधिक रहती है, जबकि दूध में कम। इसी कारण दही का स्वाद खट्टा होता है।
अत: दही बन जाने पर उसके pH का मान ताजे दूध के मान (6) से कम हो जायेगा चूँकि अम्लीयता बढ़ने पर pH का मान घटता है।

प्रशन 12 -  एक ग्वाला ताजे दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाता है।
(a) ताजा दूध के pH के मान को 6 से बदलकर थोड़ा क्षारीय क्यों बना देता है?
उत्तर - दूध में वर्तमान बैक्टीरिया जैविक क्रियाओं के कारण दूध की अम्लीयता बढ़ा देते हैं, जिसके कारण दूध दही के रूप में बदल जाता है। परंतु यदि दूध को थोड़ा क्षारीय बना दिया जाय तो बैक्टीरिया द्वारा की जाने वाली जैविक क्रिया धीमी हो जाती है, तथा दूध की अम्लीयता बढ़ने में देर लगती है।
अत: एक ग्वाला थोड़ा बेकिंग सोडा, जो कि एक क्षार है, को मिलाकर ताजे दूध के pH के मान को 6 से बदलकर थोड़ा क्षारीय बना देता है, ताकि दूध अधिक देर तक नहीं खराब हो, अर्थात दही में नहीं बदले।
(b) इस दूध को दही बनने में अधिक समय क्यों लगता है?
उत्तर : ताजे दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिला देने पर दूध में वर्तमान बैक्टीरिया द्वारा की जाने वाली जैविक प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है, तथा दूध की अम्लीयता बढ़ने में समय लगता है, जिसके कारण इस दूध को दही बनने में अधिक समय लगता है।

प्रशन 13 -  प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में क्यों रखा जाना चाहिए। इसकी ब्याख्या किजिए।
उत्तर - जब प्लास्टर ऑफ पेरिस हवा के संपर्क में आता है, तो हवा में नमी के रूप में वर्तमान जल से अभिक्रिया कर जिप्सम, जो कि कठोर होता है, में बदल जाता है।
अत: प्लास्टर ऑफ पेरिस को ठोस के रूप में जमने से बचाने के लिए उसे आर्द्ररोधी बर्तन में रखा जाता है।

प्रशन 14 -  उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर - अम्ल का क्षार के साथ प्रतिक्रिया कर एक दूसरे को उदासीन बनाने की अभिक्रिया उदासीनीकरण अभिक्रिया कहलाता है।
जब अम्ल एक क्षार के साथ अभिक्रिया करता है, तो दोनों एक दूसरे को उदासीन कर देता है, तथा सबंधित लवण और जल बनता है। यह अभिक्रिया उदासीनीकरण अभिक्रिया भी कहलाता है।
उदारण : (1) : जब हाइड्रोक्लोरिक अम्ल सोडियम हाइड्रोक्साइड (एक क्षार) के साथ अभिक्रिया करता है, तो सोडियम क्लोराइड (नमक) तथा जल बनता है।
उदाहरण : (2) : जब सल्फ्युरिक अम्ल सोडियम हाइड्रोक्साइड के साथ अभिक्रिया करता है, तो सोडियम सल्फेट तथा जल बनता है।

प्रशन 15 -  धोने का सोडा एवं बेकिंग सोडा के दो-दो प्रमुख उपयोग बताइए।
उत्तर -
(a) धोने का सोडा [Sodium carbonate (Na2CO3)] के उपयोग:
कपड़े को धोने में
जल की कठोरता को दूर करने में
(b) बेकिंग सोडा के उपयोग:
बेकरी में आटे या मैदा को मुलायम बनाने में
आग बुझाने वाले संयंत्र में एक घटक से रूप में